[कथा & आरती] भाई दूज कथा PDF | Bhai Dooj Katha PDF Hindi Download

Bhai Dooj Katha Aarti Hindi PDF Download 

भाई दूज कथा PDF : नमस्कार साथियों आपके लिए प्रस्तुत है भाई दूज कथा आरती सहित | आज इस लेख के माध्यम से हम आप सभी के लिए Bhai Dooj Katha Aarti PDF in Hindi / भाई दूज कथा पीडीऍफ़ प्रदान करने जा रहे हैं ।

आप कथा को सुन भी सकते है | नीचे Youtube विडियो का लिंक दिया गया है | कथा व आरती को PDF में डाउनलोड करने का लिंक नीचे दिया गया है | 

भाई दूज कथा | Bhai Dooj Katha in Hindi

भाई दूज की पौराणिक कथा कुछ इस प्रकार है, सूर्य देव की पत्नी संज्ञा की दो संतान उत्पन्न हुई थी। एक पुत्र यमराज तथा एक पुत्री यमुना। जब संज्ञा सूर्य देव के तेज़ को सहन नहीं कर पाई तो उन्होंने अपनी छायामूर्ति का निर्माण किया तथा उस छायामूर्ति को अपनी दोनों संताने सौंप कर चली गईं। उधर, यमुना जो अपने भाई यमराज से बेहद स्नेह करती थीं, वह सदैव अपने भाई यमराज के घर जाती थी। प्रत्येक सुख दुःख में उसका साथ देती थी। फिर विवाह के बाद यमुना अपने भाई यमराज को अपने घर आने के लिए भी आमंत्रित करती थी, लेकिन व्यस्तता के कारण यमराज उसके घर नहीं जा पाते थे। एक बार की बात है जब कार्तिक शुक्ल की द्वितीया को यमराज अपनी बहन के घर पहुंच गए।
अपनी बहन के घर जाने से पहले यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को भी मुक्त कर दिया था। इसके बाद जब यमराज अपनी बहन के घर गए तो उनकी बहन यमुना ने उनका खुशी से स्वागत तथा आदर सत्कार किया और उनके मस्तक पर तिलक लगाया। अपने भाई के आगे भोजन व पकवान आदि प्रस्तुत किए। जब यमराज अपनी बहन यमुना के घर से चलने के लिए उठे, तब उन्होंने अपनी बहन से मनोवांछित वरदान मांगने का अनुरोध किया।
अपने भाई यमराज के अधिक अनुरोध करने पर यमुना जी बोली, “भैया, यदि आप मुझे वर देना चाहते हैं तो मुझे आज यह वर दीजिए कि आज के दिन प्रत्येक वर्ष आप मेरे घर पधारेंगे तथा मेरा आतिथ्य सत्कार स्वीकार करेंगे। इसके साथ ही आज के दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाकर आतिथ्य सत्कार स्वीकार करेगा तथा अपनी बहन के हाथों से तिलक आदि करवाकर मिष्ठान स्वीकार करेगा, उसे कभी आपका भय नहीं रहेगा। इसके साथ ही यमुना ने अपने भाई यमराज से यह भी वरदान मांगा कि जो भाई बहन आज के दिन यमुना जी में डुबकी लगाएंगे, वो स्वयं यमराज के प्रकोप से बचने की क्षमता प्राप्त करेंगे। यमराज जी ने अपनी बहन यमुना जी की सारी बातें स्वीकार कर ली और उन्हें उनकी इच्छानुसार वरदान दिया। कहते हैं कि तभी से हिन्दू समाज में भाई बहन का यह पवित्र त्योहार भाई दूज मनाया जाने लगा।

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भाई दूज की आरती

ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता

ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा

ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे

ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही

ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो

ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन ‘बेचैन’ भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।

Bhai Dooj Katha Aarti PDF

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Bhai Dooj Katha PDF Download Link |गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF |

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भाई दूज पूजा विधि

  • इस दिन भाई की लंबी उम्र और उज्जवल भविष्य के लिए पहले पूजा की थाली, फल, फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी आदि चीजों से सजाना लें।
  • इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं।
  • इसके पश्चात, घी का दीपक जलाकर भाई की आरती करें और शुभ मुहूर्त देखकर तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भाई को पान, मिठाई आदि चीज खिलाएं।
  • सनातन हिंदु धर्म में रक्षाबंधन की तरह ही भाईदूज का भी विशेष महत्व होता है।

FAQs 

How to download Bhai Dooj Katha PDF ?

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भाई दूज कथा आरती सहित कैसे डाउनलोड करे ?

Bhai Dooj Katha Aarti sahit हमारी वेबसाइट पर PDF में दी गई है | आप वेबसाइट पर विजिट करके भाई दूज कथा आरती सहित डाउनलोड कर सकते है.

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